भगवद गीता यथारूप - भूमिका ( , Bhagavad Gita As It Is Hindi (Gītā-māhātmya)
भगवद गीता यथारूप - भूमिका ( , Bhagavad Gita As It Is Hindi ( Gītā-māhātmya ) " Hare Krishna Hare Krishna , Krishna Krishna Hare Hare Hare Ram Hare Ram , Ram Ram Hare Hare" गीता शास्त्रमिंद पुण्यं य: पठेत् प्रायत: पुमान् -यदि कोई भगवद्गीताके उपदेशों का पालन करे तो वह जीवन के दुखों तथा चिन्ताओं से मुक्त हो सकता है| भय शोकादिवर्जित: | वह इस जीवन में सारे भय से मुक्त हो जाएगा ओर उसका अगला जीवन आध्यात्मिक होगा ( गीता माहात्म्य ९)| एक अन्य लाभ भी होता है : गीताध्ययनशीलस्य प्राणायामपरस्य च| नव सन्ति हि पापानि पूर्वजन्मकृतानि च || "यदि कोई भगवद्गीता को निष्ठा तथा गम्भीरता के साथ पढ़ता है तो भगवान् की कृपा से उसके सारे पूर्व दुष्कर्मों के फ़लों का उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता"( गीतामहात्म्य २) | भगवान् भगवद्गीता के अन्तिम अंश (१८.६६) में जोर देकर कहते है : सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरण व्रज | अहं त्वां सार्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच : || "सब धर्मो को त्याग कर एकमात्र मेरी ही शरण में आओ | मैं तुम्हें समस्त पापों से मुक्त कर दूँगा | तुम डरो मत |&qu